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जब भी देखी

जब भी देखी वो निगाहें हमने, हाय ख़ुमारी कमाल हम पर छाई है। कमाल कुछ हम पर ऐसी छाई है, उनके साथ हमने भी होली मनाई है। प्रथम की दो पंक्तियाँ copied हैं, बाद कि मेरी हैं। कॉपीराइट इशू है।

रावण

धूर्जटी चलन-वन-वदनं ब्राह्मण, दशग्रीव दशानन लंकेश्वर रावण।

🚩🚩 जय श्री राम 🚩🚩

अयोध्यानंदन हैं वो दशरथनंदन हैं वो रघु-रघु-रघुनंदन हैं वो। नंदन-वंदन हो जायेगा मन, मन हर्षित-पुल्कित हो जायेगा। रघु-रघु-रघुवंशी श्री राम के शरण में आ कर देखो चरण न देखो उनका बिन खडाऊ के युद्ध किए थे, रथ न देखो उनका बिन रथ के युद्ध किये थे, शरीर ना देखो उनका बिन कवच के युद्ध किए थे, जय श्री राम के हुंकार से वानर सेना युद्ध किये थे। खाली कुम्भ को ऐसे ना देखो, नील दिखाई देगा, श्री राम का नाम ले कर देखो नीर दिखाई देगा। श्री राम के नाम से तो पत्थर भी तैरता है, श्री राम के नाम से तो ब्रम्हास्त्र भी रुक जाता है। 🚩🚩 जय श्री राम 🚩🚩