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Showing posts from May, 2018

हुस्न की रानी

रुत वो मस्तानी थी प्रेम में वो दीवानी थी। नजर आए नजर मिली हुस्न की वो रानी थी। - रूपम

तेरे आने व जाने

मेरे आँखों से गिरते नमी की मोती हो तुम, मेरे हृदय से निकली हुई प्रार्थना हो तुम। तेरे आने-जाने पर ढले हैं मेरी शाम के सूरज, शान्ति से माँगी हुई अमर प्रेम की गाथा हो तुम।। - रूपम पति

मल्लिक मोहम्मद जायसी

उस मसनवी को मत झुठलाना, वो फ़ारसी को मत झुठलाना। सब-कुछ झूठ-ला देना मगर, वो जायसी को मत झूठलाना।। - रूपम लगभग 1 साल बाद आज दोबारा दिल मे आ गया