तेरे आने व जाने

मेरे आँखों से गिरते नमी की मोती हो तुम,
मेरे हृदय से निकली हुई प्रार्थना हो तुम।

तेरे आने-जाने पर ढले हैं मेरी शाम के सूरज,
शान्ति से माँगी हुई अमर प्रेम की गाथा हो तुम।।

- रूपम पति

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