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तेरी यादें

मैंने अपने दर्द को एक डब्बे में बंद करके आगे बढ़ने की कौशिश की, लेकिन तेरी यादों ने चुपके से जा कर ढ़क्कन ही खोल दिया…                                 :-  रूपम पति  

ज़ुल्फ़

कोई उसे अपने जुल्फों को संभालने को कहो, बार बार चेहरे पे आ कर अटकती है… कोई उसे मेरे शरीर को संभालने को कहो, बार बार मयख़ाने पे आ कर अटकती है…                                       - रूपम पति