ज़ुल्फ़
कोई उसे अपने जुल्फों को संभालने को कहो,
बार बार चेहरे पे आ कर अटकती है…
कोई उसे मेरे शरीर को संभालने को कहो,
बार बार मयख़ाने पे आ कर अटकती है…
- रूपम पति
बार बार चेहरे पे आ कर अटकती है…
कोई उसे मेरे शरीर को संभालने को कहो,
बार बार मयख़ाने पे आ कर अटकती है…
- रूपम पति
Comments
Post a Comment