वामपंथ भाया चीन
वामपंथी हमेशा अन्य पर अपना परजीवीकरण चलाते आए हैं, आप विपक्षी द्विआधारी के अलावा किसी अन्य चीज से आने वाली आलोचना नही देख सकते।
क्या मार्क्स ने तुम्हें यही सीखाया है?
दूसरों के कन्धे पर बंधूक रख कर चलाना ही तो इन कोमोरेड वालों का काम है।तर्क यह है कि साम्यवाद को वास्तव में कभी भी लागू नहीं किया गया है, क्या लेनिनवादी शुद्ध सोफस्ट्री, अमूर्त आदर्शवाद के फ्लेकी हॉल मेंआपको हमेशा वही साफ़ सुथरा बचा हुआ चेहरा ही दिखाएंगे और गलत इतिहास ही पढ़ाएंगे।
क्या चीन में दक्षिणपंथी सरकार है? उसकी व्यवहार आपकी अतिप्रिय कौम के प्रति कैसी है? वो आपलोग इन सवालों का जवाब क्यों नही बताते,पूछना समय मिलने पर स्वयँ से।
चीन के मदरसों में सिर्फ़ चाइना का ही सिलेबस चलता है, सरकार ही कुरान का भी पब्लिशिंग करवाता है ताकि के मुसलमानों को दबाया जा सके। "क्सिनजिनंग" वहाँ की मुस्लिम बहुल इलाका है, उस प्रान्त में 90 के दशक में मुसलमानों की आबादी करीब करीब 80 लाख थी और उस समय मुस्लिम उसे अलग देश बनाने के लिए पुरज़ोर तरीके से आंदोलन करते थे, आपको बता दूं कि खाड़ी के देशों का भी समर्थन प्राप्त था लेकिन चीन के आगे किसी की नही चली और अब 2018 में वहाँ 1 करोड़ 25 लाख मुस्लिम हैं। क्सिनजिनंग में नमाज पढ़ना मना है और ईद के मौके पर रोजा रखने पर भी मनाही है। चीन के कई शहरों में "हिजाब" और "जालीदार टोपी" पहनना बैन है। वहाँ की सरकार के लिए उनका देश, उनका धर्म और उनकी भाषा बड़ी है और हमारे यहाँ लेफ्टिस्ट के लिए "भारत तेरे टुकड़े होंगे" बड़ी है, यहां के वकील आतंकवादी के लिए रात के दो बजे भी SC को खुलवा सकते हैं।
सच्चा कम्युनिस्ट वह व्यक्ति है जो पार्टी द्वारा निर्धारित शर्तों में पूरी खून खराबे की प्रणाली को स्वीकार करता है, आप इस केरल, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल में खुलेआम हो रही हत्याओं में देख लें। सच्चा कम्युनिस्ट वह है जो हमारी सभ्यता की कुछ भी कभी भी स्वीकार नहीं करता हो।
:- रूपम पति
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