पहली मुलाकात
एक नशा सा लगा चढ़ने
हवाएं भी लगी थी महकने,था देखा जब पहली बार तुम्हें
मैं भी लगा था बेहकने...
माहौल हो रहा था खामोश
सुनाई देने लगी थी मेरी ही धड़कने,
और मैं होने लगा था मदहोश
जब तुम मेरे पास से लगी थी गुजरने...
सुनाई देने लगी थी मेरी ही धड़कने,
और मैं होने लगा था मदहोश
जब तुम मेरे पास से लगी थी गुजरने...
होने ही वाली थी बरसात
आसमाँ में लगे थे बादल छाने,
देख मुस्कान बादलों ने लिया रुख मोड़
फिर से लगा था आसमाँ में सूरज चमकने...
आसमाँ में लगे थे बादल छाने,
देख मुस्कान बादलों ने लिया रुख मोड़
फिर से लगा था आसमाँ में सूरज चमकने...
प्रेमी तेरा उस क्षण बन गया
लगा देखने दिवास्वप्नए,
तुम रहो मेरे ही संग
और दोनों एकदूजे के रंग में लगे रंगने...
लगा देखने दिवास्वप्नए,
तुम रहो मेरे ही संग
और दोनों एकदूजे के रंग में लगे रंगने...
मेरे हालात बदल गए,
मैं हर वक़्त खुशनुमा रहने लगा,
कैसा ये हादसा हुआ
कि मुझे बेशुमार इश्क़ होने लगा ।
मैं हर वक़्त खुशनुमा रहने लगा,
कैसा ये हादसा हुआ
कि मुझे बेशुमार इश्क़ होने लगा ।
: - स्वरूपम
(SWARUP KUMAR & RUPAM PATI)
(SWARUP KUMAR & RUPAM PATI)
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