मोहब्बत के दो अफ़साने

मोहब्बत के दो अफ़साने हो कर बेगाने मिलेंगे
सड़कों पे नही तो हम,  तुम्हें मयख़ाने में मिलेंगे,

गर तू निकाह कर ली  किसी अफसर के साथ
तो सुनने मिरे आंखों में धूल जाने के बहाने मिलेंगे,

तुम मिरे चेहरे के मुस्कान पे क्यों जाते हो
जाना है तो दिल में जाओ, दर्द के तहख़ाने मिलेंगे,

किमती वक़्त निकाल के आना मेरी डायरी देखने
इसमें कहानियों में सिर्फ तुम्हारे दिखाए सपने मिलेंगे,

देखो लौट के आने में तुम ज्यादा देर मत करना
वरना हम भी किसी और के दीवाने मिलेंगे

                                                :- रूपम पति

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

मैंने तुम्हें चाहा है…

चाहा

बिंदुवार