तुम सब्र कर

मैं भाग कर देखता हूँ,
की मोहब्बत कब तक, रहती है बेगानी…

तुम सब्र कर के देखो,
की तुम्हारी वाली कब तक, रहती है दीवानी…

                                          :- रूपम पति

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