शौक तो हमें

शौक तो हमें भी शराब की नही थी,
मगर उनकी बेवफाई ने बेबस करा दिया..


ज़ाहिल नही हैं आप जो चंद रुपयों में बिकेंगे
पढ़ लिख रहे कालिज में, अब दोनों लाइब्रेरी में मिलेंगे,

जिस दिन तुमने देखी  लाइब्रेरी में भी बन्दूकें
उस दिन भगवान के तख्त पे भी इंसान मिलेंगे,

बच्चों के हाथ में  पब्जि जैसे और गेम आए
तो तुम्हें ये खेल के मैदान भी सुनसान मिलेंगे,

लोग केहते हैं, मेहनत करने वालों की हार नही होती!
मेहनत करते रहो, वो नही तो उसके दोस्त मिलेंगे…

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