निश - रूपम
निश
और कितना चाहूँ तुम्हे
एक काम करो मेरी जान ले लो,
रूपम
मेरी जान ले कर
मुझे अपनी जान मान लो…
निश
तर्षो गे तुम भी कभी प्यार के लिए
आज जिसे तुम समझ नहीं पाए,
रूपम
गर कभी गलती से मुलाक़ात होती है
मत कहना, की तुम मुझे समझ नहीं पाए…
निश
मोहबत तुम से की थी
अब सिर्फ खुद से है,
रूपम
विश्वास तुमसे की थी
अब सिर्फ खुद से है…
निश
जितनी मोहबत तुम से की
अगर कान्हा से की होती तो वो भी हमारे दीवाने होते।
रूपम
और हम यूं ख़ाक में पलने वाले नही,
आसमानों में उड़ने वाले परवाने होते…
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